अमित शाह की दलील का सच
अमित शाह की दलील का सच छोटा अखबार। नागरिकता संशोधन अधिनियम से देश भर में जनता के जहन में कई तरह के विचार बन और बिगड़ रहे है। वहीं दूसरी तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह बार-बार इस अधिनियम के पक्ष में तर्क पेश कर रहे हैं। 18 जनवरी 2020 शनिवार को कर्नाटक के हुबली में एक रैली में गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि अफ़ग़ानिस्तान में बुद्ध के पुतले को तोप से गोले दाग़ कर फूँक दिया गया। उन्हें (हिंदू-सिख अल्पसंख्यक) वहां (अफ़ग़ानिस्तान-पाकिस्तान) चुनाव लड़ने का अधिकार नहीं दिया, स्वास्थ्य की सुविधाएं नहीं दी गई, शिक्षा की व्यवस्था उनके लिए नहीं की। जो सारे शरणार्थी थे हिंदू, सिख, जैन बौद्ध ईसाई वो भारत के अंदर शरण लेने आए। बात ये है कि देश के गृह मंत्री नागरिकता संशोधन अधिनियम के बारे में तर्क दे रहे थे कि कैसे अफ़ग़ानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश से आने वाले सिख, हिंदू शरणार्थी को उनके देश में सताया जा रहा है और उन्हें मौलिक अधिकार नहीं दिए जा रहे।ये नया कानून पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान, अफ़गानिस्तान और बांग्लादेश से भारत आए गैर-मुस्लिम समुदाय को नागरिकता देने की बात करता है।अधि