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राज्यों की एमएसपी सिफ़ारिश, केंद्र ने ठुकराई

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राज्यों की एमएसपी सिफ़ारिश, केंद्र ने ठुकराई छोटा अखबार। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने संसद के संयुक्त अधिवेशन में 31 जनवरी को अपने अभिभाषण में कहा कि केंद्र सरकार किसानों को लागत का डेढ़ गुना मूल्य देने के लिए समर्पित भाव से काम कर रही है। खरीफ और रबी की फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में लगातार की गई वृद्धि इसी दिशा में उठाया गया कदम है। हालांकि राष्ट्रपति का ये दावा सरकारी फाइलों में दर्ज एमएसपी की हकीकत पर कुछ ओर ही बयान करती है। सूचना का अधिकार कानून 2005 के तहत आधिकारिक दस्तावेजों से पता चलता है कि भाजपा शासित समेत कई राज्य सरकारों ने केंद्र सरकार द्वारा तय की गई फसलों की एमएसपी पर सहमति नहीं जताई थी और इसमें बदलाव करने की मांग की थी।सरकारी फाइलों के अनुसार राज्य सरकारों द्वारा स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश के अनुसार C2 के आधार पर लागत का डेढ़ गुना दाम देने की मांग के बजाय केंद्र सरकार A2+FL के आधार पर लागत का डेढ़ गुना दाम दे रही है। क्या होता है C2 और A2+FL A2+FL लागत में सभी कैश लेनदेन और किसान द्वारा किए गए भुगतान समेत परिवार श्रम मूल्य शामिल होता है। इसमें पट्टे पर ली

भूमि विकास बैंक देगा किसानों को ऋण 

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भूमि विकास बैंक देगा किसानों को ऋण  छोटा अखबार। सहकारिता विभाग जिन प्राथमिक सहकारी भूमि विकास बैंकों से वर्षों से किसानों को कृषि ऋण का वितरण नहीं हो पा रहा था वे बैंक अब राज्य सरकार की कृषक ऋण माफी योजना, अतिरिक्त राशि उपलब्ध कराने एवं 5 प्रतिशत ब्याज अनुदान से किसानों को कृषि ऋण उपलब्ध कराने जा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा किसानों को दी गई इस राहत का लाभ समय रहते पात्र किसानों तक पहुंचना चाहिए। किसानों को 31 मार्च तक भूमि विकास बैंकों से 230 करोड़ रूपए के दीर्घकालीन कृषि ऋण वितरण का लक्ष्य रखा गया है। सचिवालय में प्राथमिक सहकारी भूमि विकास बैंको की समीक्षा बैठक में निर्णय लिया कि किसानों को कृषि ऋण का वितरण हो ताकि पात्र किसान को लाभ मिल सके एवं ऋण राशि का समय रहते सदुपयोग भी कर सके। ऋण वितरण के पश्चात किसान की सामाजिक एवं आर्थिक स्थिति में परिवर्तन का भी आंकलन होना चाहिए। बेवजह किसान को परेशान नहीं  किया जाय। ऐसे में विभागीय कार्यवाही की जाएगी। ऋण वितरण के लिए प्राथमिक भूमि विकास बैंकों को लक्ष्य बढ़ाने के भी निर्देश दिए। 7.10 प्रतिशत ब्याज दर से किसी भी वाणिज्यिक बैंक द्वारा

मुख्यमंत्री ने 34 करोड़ के प्रस्तावों और 5 गौण मण्डियों को स्वीकृति दी

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मुख्यमंत्री ने 34 करोड़ के प्रस्तावों और 5 गौण मण्डियों को स्वीकृति दी छोटा अखबार। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश में कृषि विपणन तंत्र को मजबूत करने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय किए हैं। उन्होंने 38 कृषि उपज मंडियों को वाई-फाई से जोड़कर ऑनलाइन करने तथा विभिन्न मंडियों में विकास कार्य करवाने के लिए 34 करोड़ रुपए के प्रस्तावों को मंजूरी दी है। साथ ही 5 गौण अनाज मण्डियों को स्वतंत्र मंडी का दर्जा देने की भी स्वीकृति दी है। मुख्यमंत्री के इन निर्णयों से किसानों को उनके नजदीकी स्थान पर उपज का बेहतर मूल्य मिल सकेगा। साथ ही वे वाई-फाई सिस्टम के जरिए अपनी उपज को देश की विभिन्न मण्डियों में ई-नाम योजना के तहत अच्छे से अच्छे दाम पर बेच सकेंगे। कृषि उपज मंडियों में लगभग 34 करोड़ रूपए से वाईफाई सिस्टम एवं विद्युत लाइन के कार्य तथा नए प्लेटफॉर्म, मजदूरों के लिए शेड, चारदीवारी, कार्यालय भवन एवं शौचालय आदि के निर्माण कार्य शामिल हैं।  गहलोत ने ई-नाम (ई-राष्ट्रीय कृषि मंडी) योजना के तहत प्रदेश की 38 कृषि उपज मंडियों को ऑनलाइन करने के लिए वाईफाई नेटवर्क की व्यवस्था और उच्च तकनीक की विद्युत अर्थिंग के लिए

किसान के लिये राज किसान साथी पोर्टल की तैयारी 

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किसान के लिये राज किसान साथी पोर्टल की तैयारी  छोटाअखबार। कृषि मंत्री लालचन्द कटारिया ने गुरुवार को यहां पंत कृषि भवन में ‘ईज ऑफ डूइंग फार्मिंग’ के तहत ’राज किसान साथी’ पोर्टल विकसित करने के लिए प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट का उद्घाटन किया। इस एकीकृत पोर्टल के माध्यम से काश्तकारों को सभी योजनाओं का लाभ एक ही स्थान पर ऑनलाइन मिल सकेगा। कृषि एवं सहकारिता विभाग के प्रमुख शासन सचिव नरेश पाल गंगवार ने बताया कि किसानों की सुविधा के लिए कृषि व इससे संबंधित विभागों की अनुदान योजनाओं में आवेदन प्रक्रिया की समीक्षा कर सरलीकरण किया जा रहा है। सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग के सहयोग से विकसित ’राज किसान साथी’ पोर्टल के जरिये आवेदन से लेकर किसान के खाते में अनुदान के भुगतान तक की प्रक्रिया अब सम्पूर्ण रूप से ऑनलाइन ही होगी। ऑनलाइन आवेदन के बाद भुगतान तक की स्थिति से किसानों को अवगत करवाने के लिए समय-समय पर उनको मोबाइल मैसेज भी भेजे जाएंगे। इससे अनुदान प्रक्रिया में पारदर्शिता भी सुनिश्चित हो सकेगी। उन्होंने बताया कि यह एकीकृत पोर्टल होगा जिसमें कृषि, उद्यान, कृषि विपणन, सहकारिता, पशुपालन, मत्स्य प

15 लाख 39 हजार किसानों को 307 करोड़ का भुगतान

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15 लाख 39 हजार किसानों को 307 करोड़ का भुगतान छोटा अखबार। सहकारिता विभाग ने प्रेस नोट जारी कर बताया कि पीएम किसान योजना में चौथी किश्त के रूप में राज्य के 15 लाख 39 हजार 549 किसानों को 307 करोड़ 90 लाख 98 हजार रुपये का भुगतान किसानों के खातों में किया गया। प्रकार प्रथम किश्त में 47.09 लाख किसानों, द्वितीय किश्त में 46.06 लाख तथा तीसरी किश्त में 36.34 लाख किसानों को पीएम किसान की राशि उनके खातों में जमा हो चुकी है । अब तक पहली किश्त के रूप में 941 करोड़ 88 लाख 32 हजार, दूसरी किश्त में 921 करोड़ 37 लाख 88 हजार, तीसरी किश्त के रूप में 726 करोड़ 85 लाख 58 हजार रुपये तथा चौथी किश्त के रूप में 307 करोड़ 90 लाख 98 हजार रुपये किसानों के खातों में जारी किये हैं। विभाग के अनुसार प्रथम किश्त के लिए 48 लाख 20 हजार 283 किसानों, द्वितीय किश्त के लिए 46 लाख 58हजार 743 तथा तृतीय किश्त के लिए 36 लाख 56 हजार 823,चौथी किश्त के लिए 18 लाख 64 हजार 494 किसानों के पक्ष में भारत सरकार द्वारा एफटीओ जारी किया जा चुका है।

मुख्यमंत्री ने किसान हित में केन्द्र को लिखा खत

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मुख्यमंत्री ने किसान हित में केन्द्र को लिखा खत छोटा अखबार। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश के ग्वार उत्पादक किसानों के हित में केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखा है। पत्र में उन्होंने गोयल से राज्य में ग्वार गम के निर्यात में आ रही बाधाओं को दूर करने का अनुरोध करते हुए ग्वार गम के अनुसंधान, जांच एवं प्रमाणीकरण के लिए राज्य में राष्ट्रीय स्तर की संस्था का केन्द्र खोलने का अनुरोध किया है। गहलोत ने बताया कि राजस्थान ग्वार गम का प्रमुख उत्पादक राज्य है। वर्तमान में औद्योगिक क्षेत्र में ग्वार गम के नए विकल्पों के कारण इसकी अन्तरराष्ट्रीय बाजार में कीमतें तेजी से गिरी हैं। इससे राज्य के ग्वार उत्पादक किसानों की आय घट रही है। उनका रूझान इस फसल के प्रति कम हो रहा है। इसे देखते हुए ग्वार उत्पादक किसानों की आय में बढ़ोतरी तथा ग्वार गम के अन्य उपयोगों के बारे में पर्याप्त शोध एवं अनुसंधान की आवश्यकता है। उन्होंने गोयल से अनुरोध किया कि ग्वार गम के अनुसंधान एवं विकास के लिए केन्द्र सरकार योजना बनाए। राज्य सरकार ने इस उद्देश्य से जोधपुर में भूमि भी आवंटित कर दी है। ग्वार ग

राजस्थान को मिला कृषि कर्मण अवार्ड

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राजस्थान को मिला कृषि कर्मण अवार्ड छोटा अखबार। राजस्थान को दलहन उत्पादन के लिए 2016-17 का कृषि कर्मण अवार्ड एवं 2017-18 का प्रशंसा अवार्ड मिला है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को कर्नाटक के तुमकुर में आयोजित समारोह में कृषि विभाग के प्रमुख शासन सचिव नरेश पाल गंगवार एवं कृषि आयुक्त डॉं. ओमप्रकाश को पुरस्कार प्रदान किए।  कृषि कर्मण अवार्ड के तहत ट्रॉफी, प्रमाण पत्र और दो करोड़ रुपए प्रदान किए गए। राज्य के  प्रगतिशील किसान डूंगरपुर के प्रकाश फनात एवं पाली की श्रीमती समु देवी को एग्रीकल्चर मिनिस्टर कृषि कर्मण अवार्ड फॉर प्रोग्रेसिव फार्मर्स प्रदान किया गया। इसके तहत दोनों काश्तकारों को दो-दो लाख रुपए एवं प्रशस्ती पत्र दिया गया। इसी प्रकार प्रशंसा अवार्ड के तहत एक करोड़ रुपए और प्रमाण पत्र प्रदान किए गए।

किसानों को मिलेगा 5 प्रतिशत अनुदान

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किसानों को मिलेगा 5 प्रतिशत अनुदान छोटा अखबार। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 17 दिसम्बर को जयपुर में आयोजित किसान सम्मेलन में दीर्घकालीन कृषि ऋणों पर 5 प्रतिशत ब्याज अनुदान की घोषणा की थी। आपके आस—पास हो रही किसी भी घटना के समाचार, फोटो और वीडियो हमें भेजे। ई—मेल या वॉट्सएप नम्बर—9414816824 पर! आपकी खबरों को दिखाया जायेगा। घोषणा पर अमल करते हुए राज्य सरकार ने किसानों के हित में बड़ा फैसला लेते हुए दीर्घ कालीन कृषि ऋण लेने वाले काश्तकारों को 5 प्रतिशत ब्याज अनुदान की योजना लागू की है। अब समय पर ऋण का चुकारा करने वाले काश्तकारों को 7.10 प्रतिशत ब्याज दर से ऋण मिल पाएगा। यह योजना 31 मार्च, 2020 तक लागू रहेगी।   इसे 1 अप्रेल, 2019 से लागू किया गया है। 1 अप्रेल, 2019 से 31 मार्च, 2020 तक की अवधि में ऋण लेने वाले सभी किसानों को योजना का लाभ मिलेगा। यह योजना सहकारी भूमि विकास बैंकों से दीर्घ कालीन अवधि के लिए लेने वाले ऋणों पर लागू होगी। ब्याज दर किसी भी वाणिज्यिक बैंक द्वारा ली जाने वाली ब्याज दर से सबसे कम है। किसान लघु सिंचाई के कार्य जैसे नवकूप/नलकूप, कूप गहरा करने, पम्पसैट, फव्वारा/ड्रिप सिंच

प्रदेश में कृषक कल्याण कोष गठित

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प्रदेश में कृषक कल्याण कोष गठित छोटा अखबार। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत मंगलवार को राज्य सरकार का एक वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर किसान सम्मेलन को सम्बोधित कर रहे थे। गहलोत ने कहा कि जनता की आकांक्षाओं और अपेक्षाओं का अहसास हमारी सरकार को है। हमारा पूरा प्रयास है कि जनता से किए वादों और उनकी उम्मीदों पर हम खरा उतरें। उन्होंने कहा कि प्रदेश के किसान भाइयों सहित समाज के सभी वर्गाें की खुशहाली के लिए हमने बीते एक साल में लगातार कल्याणकारी फैसले लिए हैं। आपके आस—पास हो रही किसी भी घटना के समाचार, फोटो और वीडियो हमें भेजे। ई—मेल या वॉट्सएप नम्बर—9414816824 पर! आपकी खबरों को दिखाया जायेगा। मुख्यमंत्री ने एक हजार करोड़ के किसान कल्याण कोष का शुभारम्भ किया और राजस्थान कृषि प्रसंस्करण कृषि व्यवसाय एवं कृषि निर्यात प्रोत्साहन नीति-2019 जारी की। प्रदेश के किसानों को खेती की आधुनिकतम तकनीक से जोड़ने के लिए उन्होंने कृषि ज्ञान धारा कार्यक्रम की शुरूआत की। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने एक ऎतिहासिक फैसला लिया जिसके तहत राज्य में फूड प्रोसेसिंग इकाई लगाने वाले किसानों को 10 हैक्टेयर भूमि तक लैण्ड यूज च