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सरकारी दस्तावेजों में दलित शब्द का प्रयोग ना करें —कर्नाटक सरकार

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सरकारी दस्तावेजों में दलित शब्द का प्रयोग ना करें —कर्नाटक सरकार छोटा अखबार। कर्नाटक सरकार ने राज्य के सभी विभागों और अधिकारियों को आदेश दिया है कि सरकारी दस्तावेजों में अनुसूचित जनजाति से संबंध रखने वाले लोगों के लिए दलित शब्द का इस्तेमाल करने से बचें। एक सरकारी अदेश में इस संबंध में निर्देश दिया गया है। आदेश में कहा गया है कि अंग्रेजी में संवैधानिक शब्द शेड्यूल्ड कास्ट है और अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति से संबंधित व्यक्तियों को दर्शाने के लिए देश में राष्ट्रीय भाषाओं में इसका उपयुक्त अनुवाद उपलब्ध है। इस लिए इन व्यक्तियों के लिए उपयुक्त शब्द का इस्तेमाल किया जाना चाहिए जो संविधान के अनुच्छेद 341 के तहत राष्ट्रपति के आदेश में अधिसूचित है। यह परिपत्र 20 मई को जारी किया गया है और इसमें 2018 के केंद्र सरकार के निर्देशों का उल्लेख किया गया है। यह परिपत्र मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की ग्वालियर पीठ के आदेश के संदर्भ में जारी किए गए थे। परिपत्र में कहा गया था कि केंद्र सरकार / राज्य सरकार और उसके अधिकारी अनुसूचित जाति,अनुसूचित जनजाति के सदस्यों के लिए दलित शब्द का प्रयोग करने से बचेंगे। क्

आरबीआई का सुप्रीम कोर्ट में जवाब पेश, नहीं देगें ब्याज पर छूट

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आरबीआई का सुप्रीम कोर्ट में जवाब पेश, नहीं देगें ब्याज पर छूट छोटा अखबार। कोविड—19 महामारी के चलते लॉकडाउन के दौरान किश्तों में राहत प्रदान करने के मामले में भारतीय रिजर्व बैंक ने सुप्रीम कोर्ट में जवाब पेश कर दिया है। अपने जवाब में रिजर्व बैंक ने कहा है कि किस्तों में छूट के दौरान ब्याज पर छूट से बैंकों की वित्तीय स्थिरता का खतरा होगा। महामारी केो ध्यान रखते हुए रिजर्व बैंक ने 27 मार्च को एक आदेश जारी किया था। आदेश में बैंकों को तीन माह के लिए किश्तों के भुगतान के लिए राहत प्रदान की गई थी। फिर से 22 मई को रिजर्व बैंक ने 31 अगस्त तक तीन माह की राहत प्रदान करने की घोषणा की।  सुप्रीम कोर्ट में याचिका के जरिए कहा गया कि बैंक किश्तों पर छूट देने के साथ-साथ ब्याज लगा रहे हैं जो कि नियमानुसार नहीं है। मामले में सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय रिजर्व बैंक और केंद्र सरकार से जवाब मांगा था। आरबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में हलफ़नामा देकर 6 माह की मोराटोरियम अवधि के में ब्याज माफी की मांग को गलत बताया है। आरबीआई ने कहा है कि लोनधारकों को 6 माह की किश्तें अभी न देकर बाद में देने की राहत प्रदान की गई है। लेकिन

कामधेनू डेयरी स्थापना के लिए मिलेगा 90 प्रतिशत लोन

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कामधेनू डेयरी स्थापना के लिए मिलेगा 90 प्रतिशत लोन    छोटा अखबार। प्रदेश में कामधेनू डेयरी योजना के अन्तर्गत स्वरोजगार के लिए नवयुवक, महिलाएं, इच्छुक पशुपालक, कृषक पशुपालन विभाग की प्रजनन नीति अनुसार दूधारू देशी गौवंश का संर्वधन कर देसी उन्नत गौवंशों की डेयरी लगा सकते हैं। डेयरी लगाने के लिए पात्रता रखने वाले अभ्यर्थियों को 30 जून 2020 तक निर्धारित प्रपत्र में आवेदन करना होगा। कामधेनू डेयरी योजना के अ्रन्तर्गत पशुपालन विभाग की प्रजनन नीति के अनुरूप वित्तीय वर्ष 2020-21 में सरकार द्वारा चयनित अभ्यर्थियों के माध्यम से कामधेनू डेयरियां खोली जाएंगी। इस डेयरी में उच्च दुग्ध क्षमता वाली एक ही नस्ल के 30 गौवंश होगें। डेयरी खोलने के लिए लाभार्थी के पास पर्याप्त स्थान एवं हरा चारा उत्पादन करने के लिए कम से कम एक एकड़़ भूमि होनी चाहिए। इस प्रोजेक्ट की लागत लगभग 36 लाख रूपये निर्धारित की गई है। इसमें लाभार्थी को 10 प्रतिशत राशि स्वयं द्वारा वहन करनी होगी और 90 प्रतिशत राशि बैंक लोन के माध्यम से उपलब्ध कराई जाएगी। डेयरी योजना अन्तर्गत लिया गया ऋण चुकाए जाने पर राज्य सरकार द्वारा 30 प्रतिशत सब्सिडी

फोन पर जाति सूचक टिप्पणी करना अपराध नहीं —हाईकोर्ट

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फोन पर जाति सूचक टिप्पणी करना अपराध नहीं —हाईकोर्ट छोटा अखबार। पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने अपने एक फैसले में कहा है कि फोन पर जाति सूचक टिप्पणी करना अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 के तहत अपराध नहीं है।न्यायालय सूत्रों के अनुसार जस्टिस हरनेश सिंह गिल की एकल पीठ ने 14 मई को अपने फैसले में कीा है कि इस तरह की टिप्पणी का मतलब शिकायतकर्ता को अपमानित करना नहीं है क्योंकि ऐसा सार्वजनिक तौर पर नहीं किया गया। हरियाणा में कुरुक्षेत्र के दो लोगों के खिलाफ दर्ज एफआईआर को खारिज करते हुए जस्टिस गिल ने कहा है कि जनता की नजरों से दूर इस तरह की टिप्पणी करना शिकायतकर्ता को अपमानित करने की इच्छा नहीं दिखाती है। यह तथ्यात्मक रूप से अपराध की श्रेणी में नहीं आता जिसका एससी/एसटी अधिनियम के तहत संज्ञान लिया जाए। जस्टिस गिल ने अपने निर्णय में यह भी कहा कि इस अधिनियम के तहत यह जरूरी है कि आरोपी ने एससी/एसटी समुदाय के किसी व्यक्ति को अपमानित करने के उद्देश्य से डराया धमकाया हो। ऐसा तभी माना जाएगा जब इस तरह की टिप्पणी सार्वजनिक स्थल पर आम लोगों की मौजूदगी में की जाए। अदालत ने क

राज्य में फिर से पर्यटक स्थल बहाल

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राज्य में फिर से पर्यटक स्थल बहाल छोटा अखबार। राज्य के समस्त स्मारक एवं संग्रहालय सोमवार से पर्यटकों  के लिए खोल दिए गये। इस दौरान कोविड-19 से बचाव को देखते हुए समस्त सुरक्षा मापदण्डाें की पालना की गई। आमेर महल में लोक कलाकारों द्वारा कालबेलिया एवं चरी नृत्य का आयोजन किया गया तथा शहनाई व नगाडों का वादन किया गया। अल्बर्ट हॉल संग्रहालय एवं हवा महल में भी कच्ची घोड़ी नृत्य एवं शहनाई वादन के साथ पर्यटक स्थल लम्बी अवधि के बाद पर्यटकों के लिए खोले गये। पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग के निदेशक प्रकाश चन्द्र शर्मा ने बताया कि इस सप्ताह सभी स्मारक तथा संग्रहालय प्रातः 9 बजे से दोपहर 2 बजे तक मंगलवार, गुरूवार, शनिवार एवं रविवार को खुलेंगे। अगले सप्ताह मंगलवार, गुरूवार, शनिवार एवं रविवार को स्मारक एवं संग्रहालय प्रातः 9 बजे से दोपहर 1 बजे तक तथा 3 बजे से 5 बजे तक खुले रहेंगे। इन दो सप्ताहों में पर्यटकों का प्रवेश निःशुल्क रहेगा। जून माह के तीसरे सप्ताह से सभी स्मारक एवं संग्रहालय नियमित रूप से पूर्व की भांति खुले रहेंगे और समय प्रातः 9 बजे से दोपहर 1 बजे एवं 3 बजे से 5 बजे तक रहेगा। तीसरे सप्ताह से

प्रदेश में 19 जून को होगें राज्यसभा चुनाव 

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प्रदेश में 19 जून को होगें राज्यसभा चुनाव  छोटा अखबार। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा देश में कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे के मध्यनजर स्थगित किये गये राज्यसभा के द्विवार्षिक चुनाव की नई तिथि की घोषणा कर दी गई है।   मुख्य निर्वाचन अधिकारी आनन्द कुमार ने बताया कि पूर्व में 26 मार्च, 2020, को होने वाले राज्यसभा के द्विवार्षिक चुनाव अब 19 जून, 2020 को होगें। निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार मतदान 19 जून, 2020, शुक्रवार को प्रातः 9 बजे  से सायं 4 बजे तक होगा। मतगणना 19 जून, 2020, शुक्रवार को सायं 5 बजे से  समय निर्धारित किया गया है। निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार चुनाव प्रक्रिया 22 जून, 2020 से पूर्व पूर्ण हो जायेगी। आनन्द कुमार ने बताया कि राज्यसभा के द्विवार्षिक चुनाव के लिए मतदान राजस्थान विधानसभा परिसर में आयोग द्वारा अधिसूचित मतदान केन्द्र में निर्धारित दिनांक को किया जायेगा।

आज से एसएमएस अस्पताल में सामान्य चिकित्सा बहाल 

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आज से एसएमएस अस्पताल में सामान्य चिकित्सा बहाल  छोटा अखबार। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने बताया कि एक जून 2020 से राज्य का सबसे बड़ा सवाई मानसिंह अस्पताल नोन कोविड हो जाएगा। कोविड मरीजों का इलाज आरयूएचएस में किया जाएगा। मंत्री के अनुसार शुरुआती दौर में कोरोना महामारी के प्रकोप को देखते हुए एसएमएस अस्पताल में कोविड से संक्रमितों के लिए ओपीडी, आईपीडी व इमरजेंसी चिकित्सा सुविधाएं शुरू की गई थी। अब एक जून से यहां दी जाने वाली सभी सेवाएं आरयूएचएस (राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय), प्रतापनगर में स्थानांतरित की जा रही हैं। विशेषज्ञ व समस्त स्टाफ वहां जाकर संक्रमितों को चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध करा सकेंगे।  वहीं चरक भवन में चलने वाले कोरोना ओपीडी को भी आगामी दिनों में फार्मेसी कॉलेज में स्थानांतरित किया जाएगा। तब तक यहां खांसी-जुकाम-बुखार से जुड़े मरीजों का उपचार किया जाएगा। फार्मेसी कॉलेज में स्थानांतरण के बाद यहां भी पूर्व की भांति चिकित्सा सुविधाएं जारी कर दी जाएंगी।  दूसरी ओर सांगानेरी गेट स्थित महिला चिकित्सालय में कोविड से जुड़े मरीजों और संक्रमितों का इलाज किया जा