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अहमदाबाद में 30 मई तक आठ लाख हो सकती है मरीजों की संख्या —आयुक्त

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अहमदाबाद में 30 मई तक आठ लाख हो सकती है मरीजों की संख्या —आयुक्त छोटा अखबार। केंद्र सरकार के आंकड़ो के अनुसार कोविड 19 महामारी के संक्रमण फैलने से पैदा हुई स्थिति अहमदाबाद, सूरत, हैदराबाद और चेन्नई सहित उभरते हॉटस्पॉट क्षेत्रों की हालत खराब है।  सरकार ने उपरोक्त शहरों  का जायजा लेने के लिए अंतर-मंत्रालयी टीमें भी भेजी हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय का यह आकलन ऐसे समय आया है, जब अहमदाबाद नगर निगम के आयुक्त विजय नेहरा ने अपने बयान में कहा कि यदि मामलों के दुगुनी होने की मौजूदा चार दिनों की अवधि वाली दर जारी रहती है, तो गुजरात के इस शहर में कोविड-19 के मरीजों की संख्या मई के अंत तक बढ़ कर आठ लाख हो सकती है। समाचार सूत्रों के अनुसार शनिवार तक अहमदाबाद शहर में 1,638 मामले सामने आए हैं जो गुजरात में सर्वाधिक है। राज्य में संक्रमण के 2,800 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय के अनुसार देश के बड़े हॉटस्पॉट जिलों में उभरते हॉटस्पॉट शहरों कि स्थिति विशेष रूप से गंभीर है। जिनमें अहमदाबाद, सूरत, ठाणे, हैदराबाद और चेन्नई शामिल है। 

देश में सभी तरह की दुकानें खोलने की छूट  

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देश में सभी तरह की दुकानें खोलने की छूट   छोटा अखबार। देश में जारी लॉकडाउन में केंद्र सरकार ने ढील देते हुए पंजीकृत दुकानें खोलने का एलान किया है। नगर निगम और नगर पालिका सहित किसी भी क्षेत्र में स्थित मल्टी, सिंगल ब्रांड के शोरूम, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स और मार्केट कॉम्प्लेक्स नहीं खुल सकेंगे। सरकार द्वारा पंजीकृत दुकानें जो आवासीय कॉलोनियों के पास और बाजार में स्थित दुकानें ही खुलेगी। गृहमंत्रालय के आदेशानुसार दुकानों पर 50 फीसदी कर्मचारी ही काम करेंगे। सामाजिक दूरी और सैनिटाइजेशन के नियमों का पालन करते हुए मास्क लगाना जरूरी होगा। वहीं सरकार के आदेशानुसार कोविड 19 से प्रभावित क्षेत्र जिन्हें हॉटस्पॉट के रूप में चिन्हित किया है कि जो कंटेनमेंट जोन हैं, वहां किसी प्रकार की राहत प्रदान नहीं की गई है। पहले भी सरकार ने एक एडवाइजरी जारी कर लोगों को राहत देते हुए राशन, दूध, सब्जी, फल और जरूरी सामान की दुकानों को खोलने के आदेश जारी किए थे। अब देश में शर्तानुसार शहरी सीमा से बाहर सभी तरह की दुकानें खोलने की अनुमति प्रदान की गई है। 

देश में आररक्षण के लिए सूची फिर से बने —सुप्रीम कोर्ट 

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देश में आररक्षण के लिए सूची फिर से बने —सुप्रीम कोर्ट  छोटा अखबार। ऐसा नहीं है आरक्षण पाने वाले वर्ग की जो सूची बनी है वह पवित्र है और उसे छेड़ा नहीं जा सकता। आरक्षण का सिद्धांत ही जरूरतमंदों को लाभ पहुंचाना है। संविधान पीठ ने अपने एक आदेश में कहा कि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़ा वर्ग के भीतर ही आपस में संघर्ष है कि पात्रता के लिए योग्यता क्या होनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने कहा है कि आरक्षण का लाभ उन महानुभावों के वारिसों को नहीं मिलना चाहिए जो 70 वर्षों से आरक्षण का लाभ उठाकर धनाढ्य की श्रेणी में आ चुके हैं। 70 वर्षों से अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग के जरूरतमंद लोगों को आरक्षण का लाभ सही मायने में नहीं पहुंच रहा है। कोर्ट ने कहा कि सरकार को अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजातियों की सूची फिर से बनानी चाहिए। जस्टिस अरुण मिश्रा, जस्टिस इंदिरा बनर्जी, जस्टिस विनीत शरण, जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस अनिरुद्ध बोस की पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने कहा कि सरकार का दायित्व है कि सूची में बदलाव करे जैसा कि इंद्रा साहनी मामले में नौ सदस्यीय पीठ ने कहा था। ऐसा न

राज्यपाल की भाव-भंगिमा असंसदीय है —ममता बनर्जी

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राज्यपाल की भाव-भंगिमा असंसदीय है —ममता बनर्जी छोटा अखबार। आपके शब्दों का चयन और आपकी भाव-भंगिमा असंसदीय है। आप शुरू से ही मेरी सलाह की अनदेखी करते रहे हैं।लेकिन सरकार के कामकाज में हस्तेक्षप क्यों कर रहे हैं। इसलिए मैं मजबूर होकर यह पत्र सार्वजनिक कर रही हूं। उन्होने राज्यपाल पर संवैधानिक धर्म का उल्लंघन करने का भी आरोप लगाया है। राज्यपाल को आत्ममंथन करना चाहिए। एक तरफ पुरा देश कोविड 19 महामारी से लड़ रहा है, तो वहीं दूसरी ओर पश्चिम बंगाल में राज्यपाल और राज्य सरकार के बीच महामारी को लेकर घमासान जारी है। राज्यपाल लगातार ट्वीट के माध्यम से मुख्यमंत्री, मंत्रियों और अधिकारियों पर हमले कर रहे थे। राज्यपाल पर हमला बोलते हुए मुख्यमंत्री ने सात पेज का पत्र लिख डाला। कई दिनो से राज्यपाल द्वारा लगातार जारी हमले का सत्तारुढ़ तृणमूल कांग्रेस ने जवाब नहीं दिया लेकिन गुरूवार को सरकार के धैर्य ने जवाब दे दिया।   मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्यपाल को लिखे पत्र में कहा कि आप जिस राज्य के राज्यपाल हैं उसी सरकार पर और उसके मंत्रियों,अधिकारियों पर लगातार हमला करनना असंवैधानिक है और आपको यह भी नहीं भूल

आज से शुरू होंगी 400 मोबाइल ओपीडी वैन —मुख्यमंत्री

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आज से शुरू होंगी 400 मोबाइल ओपीडी वैन —मुख्यमंत्री छोटा अखबार। 9 हजार एएनएम एवं जीएनएम के पदों पर नियुक्ति जल्द। लॉकडाउन उल्लंघन पर अब तक 7738 गिरफ्तार। 288 राशन डीलरों के लाइसेंस निलंबित। आम मरीजों के लिए बुधवार से शुरू होंगी 400 मोबाइल ओपीडी वैन —मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण आम रोगियों को परेशानी का सामना नहीं करना पडे़, इसके लिए प्रदेशभर में बुधवार से 400 ओपीडी मोबाइल वैन संचालित की जाएंगी। ये मोबाइल वैन उपखण्ड मुख्यालयों के साथ ही अन्य महत्वपूर्ण स्थानों पर उपलब्ध होंगी और गांव-कस्बे तक पहुंचकर मरीजों को सामान्य बीमारियों का उपचार उपलब्ध करवाएंगी। किसी को गंभीर बीमारी होने की जानकारी मिलती है तो इसकी सूचना उच्चाधिकारियों को दी जाएगी, ताकि रोगी को तुरंत इलाज मिल सके। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को इस संबंध में निर्देश दे दिए गए हैं।  9 हजार एएनएम एवं जीएनएम के पदों पर नियुक्ति जल्द। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना की जंग लंबे समय तक जारी रह सकती है। ऎसे में राज्य सरकार संसाधनों में किसी तरह की कमी नहीं आने देगी। उन्होंने कहा कि इस बी

लॉकडाउन की पालना में पुलिस की बर्बरता से किसान की मौत

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लॉकडाउन की पालना में पुलिस की बर्बरता से किसान की मौत छोटा अखबार। लॉकडाउन का पालन हो लेकिन एक किसान जब अपनी भूखी प्यासी गाय को चारा पानी देकर घर लौट रहा हो, तब कारण जाने बिना उसकी बेरहमी से पिटाई, दरिंदगी एवं बर्बरता है। सरकार में एक तरफ़ तो अपराधी भाग रहे हैं, संभल नहीं रहे हैं। दूसरी तरफ आमजन पिटाई व दमन का शिकार हो रहे हैं और मारे जा रहे हैं। मध्य प्रदेश में कोविड 19 महामारी में जारी लॉकडाउन की पालना में पुलिस द्वारा एक किसान की बेरेहमी से टिाई के कारण मौत हो गई। मध्य प्रदेश में कोविड 19 महामारी में जारी लॉकडाउन की पालना में पुलिस द्वारा एक किसान की बेरेहमी से टिाई के कारण मौत हो गई।समाचार सूत्रों के अनुसार मामला 16 अप्रैल 2020 का एमपी के जबलपुर का है। 50 साल के किसान बंशी कुशवाह अपने खेत पर गायों को चारा पानी खिलाकर वापस घर लौट रहा था तब पुलिस ने बिना कारण जाने किसान की बेरेहमी से धुनाई कर दी जिससे वह वहीं बेहोश हो गया। किसान को इलाज के लिये 19 अप्रैल को एक निजी में भर्ती कराया गया था। इलाज के दौरान सोमवार, 20 अप्रैल 2020 को किसान ने दम तौड़ दिया। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक डाॅ संजीव

विधायक धर्म की पालना की मंत्री रघु शर्मा ने

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विधायक धर्म की पालना की मंत्री रघु शर्मा ने छोटा अखबार। राज्य के चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने अजमेर जिले में कोरोना योद्धाओं के लिए अपने निजी फंड से मदद कर विधायक धर्म की पालना की है।  राज्य में पहला मामला संज्ञान में आया है कि जब किसी विधायक ने अपने निजी आर्थिक सहयोग से कोविड 19 महामारी में कोरोना योद्धाओं और जनता की मदद की हो। जबकि राज्य में अन्य विधायकों ने विधायक ​कोष को खाली कर दिया जो कि जनता ने अपने क्षेत्र के  ​विकास के लिये टैक्स के रूप में सरकार के पास रख रखा था। सरकारी सूत्रों के अनुसार सोमवार को चिकित्सा मंत्री ने अजमेर जिला कलक्टर विश्व मोहन शर्मा से जिले में कोरोना महामारी से बचाव के लिए किए जा रहे प्रयासों की जानकारी लेते हुए  निर्देश दिए कि प्रयासों में और तेजी लाएं। इसी क्रम में मंत्री ने अपने व्यक्तिगत पैसों से अजमेर जिले की जनता के लिए 22 हजार मास्क, 2 हजार से ज्यादा सैनेटाईजर, 30 लीटर वाले सैनेटाइजर के 5 बड़े केन, 7 हजार जोडे़ ग्लब्स, 600 मेडिकेटेड साबुन, हैंडवॉश और पुलिस के लिए 100 फेस शील्ड भेजी।   चिकित्सा मंत्री ने अजमेर जिले के लोगों को मदद पहुंचाते हुए अपील