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विधायक धर्म की पालना की मंत्री रघु शर्मा ने

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विधायक धर्म की पालना की मंत्री रघु शर्मा ने छोटा अखबार। राज्य के चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने अजमेर जिले में कोरोना योद्धाओं के लिए अपने निजी फंड से मदद कर विधायक धर्म की पालना की है।  राज्य में पहला मामला संज्ञान में आया है कि जब किसी विधायक ने अपने निजी आर्थिक सहयोग से कोविड 19 महामारी में कोरोना योद्धाओं और जनता की मदद की हो। जबकि राज्य में अन्य विधायकों ने विधायक ​कोष को खाली कर दिया जो कि जनता ने अपने क्षेत्र के  ​विकास के लिये टैक्स के रूप में सरकार के पास रख रखा था। सरकारी सूत्रों के अनुसार सोमवार को चिकित्सा मंत्री ने अजमेर जिला कलक्टर विश्व मोहन शर्मा से जिले में कोरोना महामारी से बचाव के लिए किए जा रहे प्रयासों की जानकारी लेते हुए  निर्देश दिए कि प्रयासों में और तेजी लाएं। इसी क्रम में मंत्री ने अपने व्यक्तिगत पैसों से अजमेर जिले की जनता के लिए 22 हजार मास्क, 2 हजार से ज्यादा सैनेटाईजर, 30 लीटर वाले सैनेटाइजर के 5 बड़े केन, 7 हजार जोडे़ ग्लब्स, 600 मेडिकेटेड साबुन, हैंडवॉश और पुलिस के लिए 100 फेस शील्ड भेजी।   चिकित्सा मंत्री ने अजमेर जिले के लोगों को मदद पहुंचाते हुए अपील

आखिर किससे करें गुहार, अब तो सुनो सरकार

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आखिर किससे करें गुहार, अब तो सुनो सरकार छोटा अखबार। मामला दौसा जिले के बांदीकुई का है जिसमें एक प्रवर्तन निरीक्षक पर ग्रामीणों के द्वारा न सिर्फ उपखंड अधिकारी बल्कि मंत्री स्तर के आदेशों की धज्जियां उड़ाने के आरोप लग रहे हैं। जिसमें सामने आ रहा है कि यह अधिकारी किस तरह से उच्चाधिकारियों को गुमराह करते हुए गरीबों को भूखा मरने को मजबूर कर रहा है। कोरोना से निपटने के प्रयासों के साथ ही जिला प्रशासन द्वारा इसी कड़ी में कोई भी व्यक्ति भूखा न सोए, इसके भी प्रयास किए जा रहे हैं। लेकिन कुछ लापरवाह अधिकारियों की राशन डीलर्स के साथ मिलीभगत और मनमानी के कारण गरीबो को मिलने वाले राशन के गेहूं की बंदरबांट हो रही है। पिछले दिनों धनावड ग्राम पंचायत के राशन डीलर रंगलाल मीणा द्वारा गेहूं लेने आए व्यक्ति के साथ मारपीट करने का मामला सामने आया था जिस पर कार्रवाई करते हुए उपखंड अधिकारी पिंकी मीणा ने प्रवर्तन निरीक्षक मनमोहन शर्मा को जांच करने भेजा तो इस लापरवाह अधिकारी ने बिना पूरे तथ्यों की जांच किए उपखंड अधिकारी तक को गलत रिपोर्ट इस तरह की पेश कर दी कि जिस व्यक्ति के साथ मारपीट हुई है वह किसी अन्य राशन क

आज शाम 7 बजे व्यापारी करेंगे थाली और घंटी बजाकर सरकार का विरोध

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आज शाम 7 बजे व्यापारी करेंगे थाली और घंटी बजाकर सरकार का विरोध छोटा अखबार। राष्ट्र के सभी ट्रेड एसोसिएशन एवं व्यापार मंडल के परिसंघ, फेडरेशन ऑफ़ ऑल इंडिया व्यापार मंडलों का कहना है कि विदेशी स्वामित्व वाले ई-कॉमर्स कंपनियों को अगले कुछ महीने तक किसी भी प्रकार के कारोबार की अनुमति प्रदान नहीं की जाए। साथ ही ग्रीन जोन में काम करने वाले खुदरा दुकानदारों को बिक्री की अनुमति मिले। देश में लॉकडाउन के दूसरे चरण में गैर जरूरी उत्पादों की बिक्री में ई-कॉमर्स कंपनियों को छूट से देश के खुदरा व्यापारी ने नाराजगी व्यक्त की है। व्यापारियों ने आज 19 अप्रैल 2020 को शाम सात बजे सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखते हुए थाली बजाकर सरकार का विरोध करने का फैसला किया है।  लॉकडाउन में ई-कॉमर्स कंपनियों को ऑनलाइन सामान बिक्री की छूट दिए जाने का विरोध तेज होता जा रहा है। इससे नाराज खुदरा दुकानदारों का कहना है कि आगामी 20 अप्रैल से ऑनलाइन गैर आवश्यक वस्तुओं की बिक्री को छूट दिया जाना किसी भी प्रकार से सही नहीं है। ये खुदरा व्यापार को खत्म करने की एक साजिश है। इस कारण दुकानदारों ने इस फैसले का शांतिपूर्वक विरोध करन

लॉकडाउन में आर्थिक तंगी और बेरोजगारी से पहली मौत

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लॉकडाउन में आर्थिक तंगी और बेरोजगारी से पहली मौत छोटा अखबार। देश में कोविड 19 महामारी से उपजे लॉकडाउन में गुड़गांव के एक पेंटर ने आर्थिक तंगी और बेरोजगारी के चलते फंदा लगाकर अपना जीवन समाप्त कर लिया है। देश में शायद ये पहला मामला है जो लौकडाउन के बीच आर्थिक तंगी और बेरोजगारी से मौत हुई है। समाचार सूत्रों के अनुसार मृतक की पहचान 30 वर्षीय मुकेश कुमार के रूप में हुई है। बताया जा रहा है कि मुकेश ने गुरुवार को ढाई हजार रुपये में अपना मोबाइल बेचकर राशन और पंखा खरीदा था।  वहीं दूसरी ओर पुलिस इस घटना को महज आत्महत्या बता रही है। मूलरूप से बिहार के बारां गांव निवासी मुकेश कुमार पेंटर का काम करता था। वह पिछले 8-10 साल से गुड़गांव में अपनी पत्नी पूनम व चार बच्चों के साथ सरस्वती कुंज स्थित झुग्गी में रह रहा था। मुकेश की पत्नी पूनम का कहना है कि पिछले 4-5 महीने से वे बेरोजगार थे। परिवार चलाने के लिए दिहाड़ी मजदूरी का काम करता थे। इस कारण हम पर काफी कर्जा भी हो गया था। लॉकडाउन के बाद वह घर पर ही थे। काम न होने के कारण उनके पास पैसे भी नहीं थे। उन्हें उम्मीद थी कि 14 अप्रैल को लॉकडाउन खुल जाएगा, लेक

सरकार विषम आर्थिक हालातों का सामना कर रही हैं —मुख्यमंत्री

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सरकार विषम आर्थिक हालातों का सामना कर रही हैं —मुख्यमंत्री छोटा अखबार। खुद सरकारें भी विषम आर्थिक हालातों का सामना कर रही हैं। राज्य सरकार स्वयं के लिए केंद्र सरकार से पैकेज मांग रही है। पूरी अर्थव्यवस्था चौपट हो गई है, इससे निपटने के लिए सभी को कुछ त्याग करना पडे़गा। देश-प्रदेश और परिवारों को खर्चों में कटौती करनी पडे़गी। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत शुक्रवार को मुख्यमंत्री निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मीडियाकर्मियों के साथ कोरोना की स्थिति को लेकर वार्ता कर रहे थे। वार्ताा में गहलोत ने कहा कि 10 हजार टेस्ट किट प्राप्त होते ही जांच शुरू कर दी गई है। पचास हजार किट शुक्रवार रात तक मिलने हैं और 2 लाख किट तीन दिन में पहुंच जाएंगी। रेपिड टेस्ट कन्फरमेटरी टेस्ट नहीं है, इसलिए पीसीआर टेस्ट की व्यवस्था पूर्व की भांति जारी रहेगी। इसमें किसी तरह की कमी नहीं की जाएगी। रेपिड एंटी बॉडी टेस्ट के माध्यम से कोरोना की जांच शुरू हो गई है। रेपिड टेस्ट करने वाला राजस्थान देश का पहला राज्य है। कहा कि पहले दिन 60 जांच की गई, जो सभी नेगेटिव पाई गईं। प्लाजमा ट्रीटमेंट की रिसर्च में एसएमएस भी शामिल मु

20 अप्रैल से कार में सिर्फ दो लोगों को बैठने की इजाजत होगीं —गृह मंत्रालय

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20 अप्रैल से कार में सिर्फ दो लोगों को बैठने की इजाजत होगीं —गृह मंत्रालय छोटा अखबार। देश में केन्द्र सरकार ने लॉकडाउन 3 मई तक के लिए बढ़ा दिया है। वहीं दुसारी ओर उसने 20 अप्रैल से नियमों में कुछ छूट देने का एलान भी किया है।गृह मंत्रालय की के अनुसार सिर्फ इंसान और पशुओं के इलाज के लिए निजी गाड़ियों को छूट मिलेगी। इसके अलावा जरूरी चीजों को खरीदने के लिए भी आप गाड़ी का उपयोग कर सकते हैं। वहीं कार में सिर्फ दो लोगों को बैठने की इजाजत होगीं। एक व्यक्ति आगे और दूसरा पीछे की सीट पर बैठ सकता है। स्कूटर और मोटरसाइकिल का उपयोग जरूरी चीजें खरीदने के लिए किया जा सकता है। शर्त यह है कि सिर्फ एक व्यक्ति को बैठने की इजाजत होगी। मतलब यह है कि पीछे की सीट पर किसी के बैठने की अनुमती नहीं होगी। टैक्सी, ऑटो रिक्शा और कैब सेवाओं को 3 मई तक अपनी सेवाएं बंद रखनी होगी। अगर आपकी कार खराब है तो 20 अप्रैल के बाद आप उसकी मरम्मत करा सकते हैं। गृह मंत्रालय ने नई एडवायजरी में मरम्मत के कार्यें की अनुमती दी गई है।

सरकार की समझदारी से, ऐसा न हो कि जरूरतमंदों को ही राशन न मिल पाए

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सरकार की समझदारी से, ऐसा न हो कि जरूरतमंदों को ही राशन न मिल पाए छोटा अखबार। देश में कोरोना वायरस के बढ़ते संकम्रण को देखते हुए विशेषज्ञों और अर्थशास्त्रियों ने चिंता व्यक्त की है। इनका मानना है कि अगर सही तरीके से देश के लोगों को भोजन नहीं मुहैया कराया जाता है और दिहाड़ी मजदूरों की बढ़ती समस्याओं का समाधान नहीं किया जाता है, तो देश में गरीबी बढ़ने और भुखमरी का खतरा बढ़ सकता है। समाचार सूत्रों के अनुसार ख्यातनाम अर्थशास्त्री और नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन, पूर्व आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन और नोबेल पुरस्कार विजेता अभिजीत बनर्जी ने कहा कि ये बात ठीक है कि सरकार को समझदारी से पैसे खर्च करना चाहिए लेकिन ऐसा न हो कि इस चक्कर में जरूरतमंदों को ही राशन न मिल पाए। सेन, राजन और बनर्जी के अखबारों में छपे लेख में लिखा है कि हम भारतीय किसी बड़े स्तर के ट्रांसफर को लेकर चिंतित रहते हैं कि कहीं पैसा गलत हाथों में न चला जाए या कोई बिचौलिया इससे धनी न हो जाए। लेकिन इस महामारी और वैश्विक आर्थिक संकट में ये हमारी गलत चिंताएं हैं। कहा कि ये स्पष्ट हो गया है कि अभी लॉकडाउन लंबे समय तक चलेगा। ऐसे में