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मशहूर कोरियोग्राफर गणेश आचार्य पर महिला को पोर्न वीडियो दिखाने का आरोप 

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मशहूर कोरियोग्राफर गणेश आचार्य पर महिला को पोर्न वीडियो दिखाने का आरोप  छोटा अखबार। देश में बॉलीवुड के मशहूर कोरियोग्राफर गणेश आचार्य पर एक महिला ने जबरन पोर्न वीडियो दिखाने का आरोप लगाते हुए राष्ट्रीय महिला आयोग को पत्र लिखा है।असिस्टेंट कोरियोग्राफर का आरोप है कि वह जब भी आचार्य के अंधेरी स्थित दफ्तर जाती थी, वह उन्हें पोर्न वीडियो देखने को मजबूर करते थे। महिला ने अंबोली पुलिस थाने में दर्ज शिकायत में आरोप लगाया है कि गणेश आचार्य और दो महिलाओं ने रविवार को अंधेरी में आयोजित इंडियन फिल्म एंड टेलीविजन कोरियोग्राफर्स एसोसिएशन (आईएफटीसीए) के कार्यक्रम के दौरान उससे मारपीट की थी। राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से सम्मानित गणेश आचार्य इंडियन फिल्म एंड टेलीविजन कोरियोग्राफर्स एसोसिएशन के महासचिव भी हैं।अंबोली पुलिस अधिकारी ने कहा कि पीड़ित महिला ने आचार्य के अलावा दो अन्य महिलाओं जयश्री केलकर और प्रीति लाड पर भी मारपीट का आरोप लगाया है। ये दोनों महिलाएं आचार्य की कोरियोग्राफी समूह की सदस्य हैं।दुसारी ओर जयश्री केलकर केलकर और लाड ने पीड़ित महिला के खिलाफ अंबोली पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है।महिला

20 हफ़्ते नहीं अब 24 हफ़्तों तक करवा सकते हैं गर्भपात

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20 हफ़्ते नहीं अब 24 हफ़्तों तक करवा सकते हैं गर्भपात छोटा अखबार। देश में अब महिलाएं गर्भधारण के 20 सप्ताह तक नहीं 24 सप्ताह तक अपना गर्भपात करवा सकेंगी। केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी संशोधन बिल, 2020 से जुड़े प्रस्ताव को मंज़ूरी दी गई। आगामी बजट सत्र में इसे पेश किया जाएगा। सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बैठक के बाद पत्रकारों को बताया कि गर्भपात की अवधि बढ़ाने की मांग लम्बे समय से महिलाओं की ओर से की जा रही थी। डॉक्टर भी इसकी सिफारिश कर रहे थे और न्यायालय ने भी इस संबंध में आग्रह किया था। जावड़ेकर ने कहा कि माना जाता है कि असुरक्षित गर्भपात के कारण आठ प्रतिशत महिलाओं की मृत्यु होती है। कई बार बलात्कार पीड़िताओं और बीमार महिलाओं या नाबालिग लड़कियों को गर्भधारण करने का पता नहीं चलता था । वो असुरक्षित ढंग से गर्भपात करा लेती थीं। कुछ मामलों में उनकी मौत भी हो जाती थी। प्रेस विज्ञप्ती के अनुसार समय सीमा विशेष तरह की महिलाओं के लिए बढ़ाई गई है। जिन्हें एमटीपी नियमों में संशोधन के ज़रिए परिभाषित किया जाएगा और इनमें दुष्कर्म पीड़ित, सगे-संबंधियों

कांग्रेस का आक्रोश जयपुर में

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कांग्रेस का आक्रोश जयपुर में छोटा अखबार। गुलाबी शहर जयपुर में हुई आक्रोश रैली में राहुल गांधी युवाओं को कांग्रेस की और मुड़ने का इसारा करते नजर आये। राजस्थान में राहुल का पार्टी अध्यक्ष पद छोड़ने के बाद यह पहला बड़ा आयोजन था। आयोजन के वक्ताओं के अनुसार लगता है कि पार्टी में फिर से उनकी ताजपोशी करने की तैयारी है। राहुल गांधी ने अपने भाषणों में बीजेपी सरकार को लेकर आक्रोश व्यक्त किया। उन्होंने नागरिकता संशोधन क़ानून जैसे मुद्दों पर ज़ोर नहीं देते हुए युवाओं पर ध्यान दिया।  ओर कहा कि नरेंद्र मोदी ने हर साल दो करोड़ रोज़गार देने का वादा किया था। लेकिन नोट बंदी से एक करोड़ युवाओं के हाथों से रोज़गार चला गया। पिछले 45 साल में ये सबसे ज़्यादा बेरोज़गारी का दौर है। यूपीए सरकार के दौरान ग्रोथ रेट 9 प्रतिशत थी। पूरी दुनिया भारत की तारीफ़ कर रही थी। लेकिन अब दर ये घट कर पांच फीसदी रह गई है। विकास दर नापने के पैमाने भी बदल दिए गए हैं। अगर पुराने मापदंड से विकास दर का हिसाब लगाया जाए यह और भी कम होगी। वक्ताओं में युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीवी श्रीनिवास जैसे नेताओं को भी खासी तवज्जो दी गई

रैली में जवाब दे कितने किसानों के कर्जे माफ हुए — भाजपा

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रैली में जवाब दे कितने किसानों के कर्जे माफ हुए — भाजपा छोटा अखबार।  राहुल गांधी की 'युवा आक्रोश रैली' पर मसखरी करते हुये बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि राहुल गांधी की रैली अल्बर्ट हॉल पर आयोजित की जा रही है जहां कवि सम्मेलन होते हैं। मीडिया से बात करते हुए पूनिया ने कहा कि कांग्रेस युवाओं और वर्ग विशेष के लोगों को गुमराह करके देश में अराजकता फैलाने का प्रयास कर रही है।  पूनिया ने कहा, कांग्रेस पहले भी कथित शांतिमार्च निकाल चुकी है। वह कैसा शांतिमार्च था यह इसी से जाहिर है कि उस समय उपद्रव की आशंका के चलते इंटरनेट पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। रैली में राहुल गांधी को जवाब देना चाहिए कि कि उन्होंने पिछले चुनाव में 10 दिन में किसानों के कर्जे माफ करने के का वायदा किया था, लेकिन कितने किसानों के कर्जे माफ हुए यह सर्वविदित है। कर्ज के बोझ किसान आत्महत्या कर रहे हैं, बेरोजगारों को भत्ता देने का वायदा किया गया जो पूरा नहीं किया गया। पूनिया ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस ने आनन फानन में विधानसभा सत्र बुलाया, जबकि इसकी विधिवत सूचना 21 दिन पहले दी जानी चाहिए थी। एससी एसटी पर

भारत की आत्मा खतरे में — देश की हस्तियां

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भारत की आत्मा खतरे में — देश की हस्तियां छोटा अखबार। देश में चल रहे संशोधित नागरिकता कानून और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर का मसला ओर गहराता जा रहा है। हालहि में करीब 300 से ज़्यादा हस्तियों ने सीएए और एनआरसी का विरोध कर रहे लोगों के साथ होने की एकजुटता प्रकट की। इनमें फिल्म निर्माता मीरा नायर, गायक टीएम कृष्णा, लेखक अमिताव घोष, इतिहासकार रोमिला थापर और नसीरुद्दीन शाह जैसे कई प्रमुख लोग शामिल है।  समाचार सूत्रों के अनुसार इन हस्तियों ने कहा कि सीएए और एनआरसी भारत के लिए खतरा हैं। हम सीएए और एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले और बोलने वालों के साथ खड़े हैं। संविधान के बहुलवाद और विविध समाज के वादे के साथ भारतीय संविधान के सिद्धांतों को बनाए रखने के लिए उनके सामूहिक विरोध को सलाम करते हैं। हम इस बात से भी अवगत हैं कि हम हमेशा उस वादे पर खरे नहीं उतरे हैं और हममें से कई लोग अक्सर अन्याय को लेकर चुप रहते हैं। वक्त का तकाज़ा है कि हम सब अपने सिद्धांत के लिए खड़े हों। अपने अलग अलग बयानों पर हस्ताक्षर करने वाली हस्तियों में प्रमुख रूप से समाजशास्त्री आशीष नंदी, लेखिका अनीता देसाई, अभिनेत्री रत्ना

सीएए एक बड़ी मानव त्रासदी को जन्म देगा — यूरोपीय संसद

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सीएए एक बड़ी मानव त्रासदी को जन्म देगा — यूरोपीय संसद छोटा अखबार। देश में चल रहा नागरिकता संशोधन क़ानून का मुदृदा खत्म होने की जगह बढ़ता ही जा रहा है। समाचार सूत्रों के अनुसार भारत के नागरिकता संशोधन क़ानून और कश्मीर पर चर्चा के लिए यूरोपीय संसद में यूरोपियन यूनाइटेड लेफ्ट/नॉर्डिक ग्रीन लेफ्ट (जीयूई/एनजीएल) समूह ने प्रस्ताव पेश किया है। प्रस्ताव में बताया है कि नागरिकता संशोधन क़ानून भारत में नागरिकता देने की प्रक्रिया में एक ख़तरनाक बदलाव किया है। जिससे एक ऐसा संघर्ष जन्म लेगा जिससे कई लोग बिना देश के हो जाएंगे और सीएए एक बड़ी मानव त्रासदी को जन्म देगा। 29 जनवरी 2020 को इस प्रस्ताव पर यूरोपीय संसद में बहस होगी। इसके एक दिन बाद  मुद्दे पर संसद मतदान करेगी। दूसरी ओर भारतीय विदेश मंत्रालय से अब तक इस मुद्दे पर कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की गई है।  

संविधान की मूल भावना के अनुरूप बड़ी चौपड़ पर झण्डारोहण

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संविधान की मूल भावना के अनुरूप बड़ी चौपड़ पर झण्डारोहण   छोटा अखबार। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गणतंत्र दिवस पर प्रदेशवासियों को बधाई देते हुए कहा कि इस पावन पर्व पर हम सभी संविधान की मूल भावना के अनुरूप आपसी सद्भाव के साथ देश की एकता और अखण्डता को बनाए रखें। गहलोत ने गणतंत्र दिवस के उपलक्ष्य में बड़ी चौपड़ पर झण्डारोहण के बाद जनसमूह को सम्बोधित किया। उन्होने कहा कि भारतीय संविधान के निर्माता बाबा साहब अम्बेडकर की भावना के अनुरूप हम सभी को साथ लेकर चलें। महात्मा गांधी के नेतृत्व में पं. जवाहर लाल नेहरू, मौलाना आजाद सहित अन्य महान नेताओं के लम्बे संघर्ष के बाद देश को आजादी मिली। उनके योगदान के बलबूते ही आज हम इस मुकाम पर खडे़ हैं। पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और पंजाब के मुख्यमंत्री बेअंत सिंह शहीद हो गए, लेकिन देश को तोड़ने वाली ताकतों के मंसूबों को कामयाब नहीं होने दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह दिन संवैधानिक मूल्यों में लोगों की आस्था का प्रतीक है। हमारा प्रयास होना चाहिए कि संविधान की भावना के अनुरूप मुल्क चले और आगे बढ़े। मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों का आह्वान किया